शब्द विचार हिंदी व्याकरण देशज एवं विदेशी शब्द shabda vichar hindi vyakaran complete notes- desaj shabd

शब्द विचार हिंदी व्याकरण देसज शब्द shabda vichar hindi vyakaran complete notes- desaj shabd 

देशज शब्द किसे कहते हैं ?

देश + ज अर्थात देश में जन्मा। जो शब्द देश के विभिन्न प्रदेशों में प्रचलित आम बोल-चाल की भाषा से हिंदी में आ गए हैं, वे देशज शब्द कहलाते हैं।
दूसरे शब्दों में- जो शब्द देश की विभिन्न भाषाओं से हिन्दी में अपना लिये गये है, उन्हें देशज शब्द कहते है।
सरल शब्दों में- देश की बोलचाल में पाये जानेवाले शब्द 'देशज शब्द' कहलाते हैं।
जैसे- चिड़िया, कटरा, कटोरा, खिरकी, जूता, खिचड़ी, पगड़ी, लोटा, डिबिया, तेंदुआ, कटरा, अण्टा, ठेठ, ठुमरी, खखरा, चसक, फुनगी, डोंगा आदि।
देशज वे शब्द है, जिनकी व्युत्पत्ति का पता नही चलता। ये अपने ही देश में बोलचाल से बने है, इसलिए इन्हे देशज कहते है।
हेमचन्द्र ने उन शब्दों को 'देशी' कहा है, जिनकी व्युत्पत्ति किसी संस्कृत धातु या व्याकरण के नियमों से नहीं हुई। विदेशी विद्वान जॉन बीम्स ने देशज शब्दों को मुख्यरूप से अनार्यस्त्रोत से सम्बद्ध माना हैं।

विदेशी शब्द किसे कहते हैं 

विदेशी भाषाओं से हिंदी भाषा में आये शब्दों को 'विदेशी' शब्द' कहते है।
दूसरे शब्दों में-जो शब्द विदेशियों के संपर्क में आने पर विदेशी भाषा से हिंदी में आए, वे शब्द विदेशी शब्द कहलाते हैं।
सरल शब्दों में- जो शब्द विदेशी भाषाओं से हिन्दी में आ गये है, उन्हें विदेशी शब्द कहते है।
आजकल हिंदी भाषा में अनेक विदेशी शब्दों का प्रयोग किया जाता है ; जैसे-
अँगरेजी- हॉस्पिटल, डॉक्टर, बुक, रेडियो, पेन, पेंसिल, स्टेशन, कार, स्कूल, कंप्यूटर, ट्रेन, सर्कस, ट्रक, टेलीफोन, टिकट, टेबुल इत्यादि।
फारसी- आराम, अफसोस, किनारा, गिरफ्तार, नमक, दुकान, हफ़्ता, जवान, दारोगा, आवारा, काश, बहादुर, जहर, मुफ़्त, जल्दी, खूबसूरत, बीमार, शादी, अनार, चश्मा, गिरह इत्यादि।
अरबी- असर, किस्मत, खयाल, दुकान, औरत, जहाज, मतलब, तारीख, कीमत, अमीर, औरत, इज्जत, इलाज, वकील, किताब, कालीन, मालिक, गरीब, मदद इत्यादि।
तुर्की से- तोप, काबू, तलाश, चाकू, बेगम, बारूद, चाकू इत्यादि।
चीनी से- चाय, पटाखा,आदि।
पुर्तगाली से- कमीज, साबुन, अलमारी, बाल्टी, फालतू, फीता, तौलिया इत्यादि।
इनमें फारसी, अरबी, तुर्की, अँगरेजी, पुर्तगाली और फ्रांसीसी भाषाएँ मुख्य है। अरबी, फारसी और तुर्की के शब्दों को हिन्दी ने अपने उच्चारण के अनुरूप या अपभ्रंश रूप में ढाल लिया है। हिन्दी में उनके कुछ हेर-फेर इस प्रकार हुए हैं-
(1) क, ख, ग, फ जैसे नुक्तेदार उच्चारण और लिखावट को हिन्दी में साधारणतया बेनुक्तेदार उच्चरित किया और लिखा जाता है।
जैसे- कीमत (अरबी) = कीमत (हिन्दी), खूब (फारसी) = खूब (हिन्दी), आगा (तुर्की) = आगा (हिन्दी), फैसला (अरबी) = फैसला (हिन्दी)।
(2) शब्दों के अन्तिम विसर्ग की जगह हिन्दी में आकार की मात्रा लगाकर लिखा या बोला जाता है।
जैसे- आईन: और कमीन: (फारसी) = आईना और कमीना (हिन्दी), हैज: (अरबी) = हैजा (हिन्दी), चम्च: (तुर्की) = चमचा (हिन्दी)।
(3) शब्दों के अन्तिम हकार की जगह हिन्दी में आकार की मात्रा कर दी जाती है।
जैसे- अल्लाह (अरब) = अल्ला (हिन्दी)।
(4) शब्दों के अन्तिम आकार की मात्रा को हिन्दी में हकार कर दिया जाता है।
जैसे- परवा (फारसी) = परवाह (हिन्दी)।
(5) शब्दों के अन्तिम अनुनासिक आकार को 'आन' कर दिया जाता है।
जैसे- दुकाँ (फारसी) = दुकान (हिन्दी), ईमाँ (अरबी) = ईमान (हिन्दी)।
(6) बीच के 'इ' को 'य' कर दिया जाता है।
जैसे- काइद: (अरबी) = कायदा (हिन्दी)।
(7) बीच के आधे अक्षर को लुप्त कर दिया जाता है।
जैसे- नश्श: (अरबी) = नशा (हिन्दी)।
(8) बीच के आधे अक्षर को पूरा कर दिया जाता है।
जैसे- अफ्सोस, गर्म, किश्मिश, बेर्हम, (फारसी) = अफसोस, गरम, जहर, किशमिश, बेरहम (हिन्दी)। तर्फ, कस्त्रत (अरबी) = तरफ, नहर, कसरत (हिन्दी)। चमच:, तग्गा (तुर्की) = चमचा, तमगा (हिन्दी)।
(9) बीच की मात्रा लुप्त कर दी जाती है।
जैसे- आबोदन: (फारसी) = आबदाना (हिन्दी), जवाहिर, मौसिम, वापिस (अरबी) = जवाहर, मौसम, वापस (हिन्दी), चुगुल (तुर्की) = चुगल (हिन्दी)।
(10) बीच में कोई ह्स्व मात्रा (खासकर 'इ' की मात्रा) दे दी जाती है।
जैसे- आतशबाजी (फारसी) = आतिशबाजी (हिन्दी)। दुन्या, तक्य: (अरबी) = दुनिया, तकिया (हिन्दी)।
(11) बीच की ह्स्व मात्रा को दीर्घ में, दीर्घ मात्रा को ह्स्व में या गुण में, गुण मात्रा को ह्स्व में और ह्स्व मात्रा को गुण में बदल देने की परम्परा है।
जैसे- खुराक (फारसी) = खूराक (हिन्दी) (ह्स्व के स्थान में दीर्घ), आईन: (फारसी) = आइना (हिन्दी) (दीर्घ के स्थान में ह्स्व): उम्मीद (फारसी) = उम्मेद (हिन्दी) (दीर्घ 'ई' के स्थान में गुण 'ए'); देहात (फारसी) = दिहात (हिन्दी) (गुण 'ए' के स्थान में 'इ'); मुगल (तुर्की) = मोगल (हिन्दी) ('उ' के स्थान में गुण 'ओ')।
(12) अक्षर में सवर्गी परिवर्तन भी कर दिया जाता है।
जैसे- बालाई (फारसी) = मलाई (हिन्दी) ('ब' के स्थान में उसी वर्ग का वर्ण 'म')।
हिन्दी के उच्चारण और लेखन के अनुसार हिन्दी-भाषा में घुले-मिले कुछ विदेशज शब्द आगे दिये जाते है।

(अ) फारसी शब्द

अफसोस, आबदार, आबरू, आतिशबाजी, अदा, आराम, आमदनी, आवारा, आफत, आवाज, आइना, उम्मीद, कबूतर, कमीना, कुश्ती, कुश्ता, किशमिश, कमरबन्द, किनारा, कूचा, खाल, खुद, खामोश, खरगोश, खुश, खुराक, खूब, गर्द, गज, गुम, गल्ला, गवाह, गिरफ्तार, गरम, गिरह, गुलूबन्द, गुलाब, गुल, गोश्त, चाबुक, चादर, चिराग, चश्मा, चरखा, चूँकि, चेहरा, चाशनी, जंग, जहर, जीन, जोर, जबर, जिन्दगी, जादू, जागीर, जान, जुरमाना, जिगर, जोश, तरकश, तमाशा, तेज, तीर, ताक, तबाह, तनख्वाह, ताजा, दीवार, देहात, दस्तूर, दुकान, दरबार, दंगल, दिलेर, दिल, दवा, नामर्द, नाव, नापसन्द, पलंग, पैदावार, पलक, पुल, पारा, पेशा, पैमाना, बेवा, बहरा, बेहूदा, बीमार, बेरहम, मादा, माशा, मलाई, मुर्दा, मजा, मुफ्त, मोर्चा, मीना, मुर्गा, मरहम, याद, यार, रंग, रोगन, राह, लश्कर, लगाम, लेकिन, वर्ना, वापिस, शादी, शोर, सितारा, सितार, सरासर, सुर्ख, सरदार, सरकार, सूद, सौदागर, हफ्ता, हजार इत्यादि।

(आ) अरबी शब्द

अदा, अजब, अमीर, अजीब, अजायब, अदावत, अक्ल, असर, अहमक, अल्ला, आसार, आखिर, आदमी, आदत, इनाम, इजलास, इज्जत, इमारत, इस्तीफा, इलाज, ईमान, उम्र, एहसान, औरत, औसत, औलाद, कसूर, कदम, कब्र, कसर, कमाल, कर्ज, क़िस्त, किस्मत, किस्सा, किला, कसम, कीमत, कसरत, कुर्सी, किताब, कायदा, कातिल, खबर, खत्म, खत, खिदमत, खराब, खयाल, गरीब, गैर, जिस्म, जलसा, जनाब, जवाब, जहाज, जालिम, जिक्र, तमाम, तकदीर, तारीफ, तकिया, तमाशा, तरफ, तै, तादाद, तरक्की, तजुरबा, दाखिल, दिमाग, दवा, दाबा, दावत, दफ्तर, दगा, दुआ, दफा, दल्लाल, दुकान, दिक, दुनिया, दौलत, दान, दीन, नतीजा, नशा, नाल, नकद, नकल, नहर, फकीर, फायदा, फैसला, बाज, बहस, बाकी, मुहावरा, मदद, मरजी, माल, मिसाल, मजबूर, मालूम, मामूली, मुकदमा, मुल्क, मल्लाह, मौसम, मौका, मौलवी, मुसाफिर, मशहूर, मजमून, मतलब, मानी, मान, राय, लिहाज, लफ्ज, लहजा, लिफाफा, लायक, वारिस, वहम, वकील, शराब, हिम्मत, हैजा, हिसाब, हरामी, हद, हज्जाम, हक, हुक्म, हाजिर, हाल, हाशिया, हाकिम, हमला, हवालात, हौसला इत्यादि।

(इ) तुर्की शब्द

आगा, आका, उजबक, उर्दू, कालीन, काबू, कैंची, कुली, कुर्की, चिक, चेचक, चमचा, चुगुल, चकमक, जाजिम, तमगा, तोप, तलाश, बेगम, बहादुर, मुगल, लफंगा, लाश, सौगात, सुराग इत्यादि।


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